Sunday, January 30, 2022

सार!

मेरी बेइंतहां खुशियां भी तुमसे
मेरे बेहिसाब दर्द भी तुमसे
मेरी हंसती हुई आंखों में आंसुओं का संसार हो तुम
मेरे जीवन का एकमात्र सार हो तुम

एक अनोखा सा बंधन है,
जिसमे ना कोई शर्त ना संबंध है,
तुम आकाश मेरे, मेरे हर सांस का विस्तार हो,
मेरे जीवन का एकमात्र सार हो तुम!

सितारों की जगमग आसमान तले
चंद्रमा की शीतल छाया में
चंचल किरणों की धार प्रवाह हो तुम
मेरे जीवन का एकमात्र सार हो तुम!

कुछ टूटे, कुछ बिखरे, कुछ देखे, कुछ अनदेखे
सपनों को जब मैंने एक साथ समेटा तो पाया
हर एक सपने की शिला का आधार हो तुम
मेरे जीवन का एकमात्र सार हो तुम!

अनंतकाल से चलती आ रही
ये कहानी वही है, हैं पात्र नए नए
मैं नायिका, नायक के किरदार हो तुम
मेरे जीवन का एकमात्र सार हो तुम!

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